बड़ी कार्रवाई. जिले में 90 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं का आधार बनाने में फंसा पेच, बढ़ी उलझन
36 आधार ऑपरेटरों पर 21,70,000 जुर्माना
मनमानी पर शिकंजा
तीन साल तक की कैद या 10,000 रुपये का जुर्माना या दोनों, जिले के इन ऑपरेटरों पर हुई कार्रवाई एक साल के लिए पांच ऑपरेटर ब्लैकलिस्टेड
आजकल हर काम के लिए आधार कार्ड जरूरी हो गया है. चाहे आप बैंक में पैसे जमा करवाना हो, विद्यालय में नामांकन लेना हो, मोबाइल नंबर लेना हो या सरकारी योजना का लाभ लेना हो, बिना आधार कार्ड के कुछ नहीं हो पाता, क्योंकि आधार कार्ड हर व्यक्ति की पहचान है.
जिले के स्कूलों में आधार बनाने वाले 36 ऑपरेटरों पर आधार अधिनियम से छेड़छाड़ करने के आरोप में कार्रवाई की गई है. इन ऑपरेटरों से हुई 2099 गलतियों के मामले को लेकर इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय यूआईडीएआइई क्षेत्रीय कार्यालय, रांची के उपनिदेशक द्वारा 21 लाख 70 हजार का जुर्माना लगाया गया है. इसको लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने डीईओ को पत्र जारी किया है.

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■ ऑपरेटरों से हुई 2099 गलतियों के मामले को लेकर इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय यूआईडीएआइई क्षेत्रीय कार्यालय, रांची के उपनिदेशक ने लगाया जुर्माना

इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय यूआईडीएआइई के रीजनल कार्यालय रांची के उपनिदेशक द्वारा जारी पत्र के अनुसार, जिले के आपरेटर संजय कुमार राय, सुजीत कुमार, विपुल लाल, गंगाधारी यादव व ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया है. साथ है, जबकि तीन ऑपरेटरों में ज्ञान की वरुण कुमार को एक साल के लिए ही, साथ इसे हटाने का भी निर्देश दिया कमी बताते हुए फिर से ट्रेनिंग देने का निर्देश दिया गया है. विदित हो कि नार्माकन के समय गलत जनसांख्यिकीय या बायोमेट्रिक जानकारी प्रदान करके प्रतिरूपण करना एक अपराध है, इसके लिए तीन साल तक की कैद या 10,000 रुपये का जुर्माना या दोनों. आधार नंबर धारक की जनसांख्यिकीय और बायोमेट्रिक जानकारी को बदलकर या बदलने का प्रयास करके आधार नंबर धारक की पहचान को हथियाना एक अपराध है. इसके लिए तीन साल तक की कैद और 10,000, रुपये का जुर्माना का प्रावधान है.
डीईओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने मामले को गंभीरतापूर्वक लेते हुए पटना के दो संबंधित एजेंसी को पत्र भेज सूची में वर्णित हतोत्साहन की राशि डीपीओ स्थापना के पक्ष में जमा करने का निर्देश दिया है.
डीईओ ने बताया कि इन ऑपरेटरों द्वारा आधार अधिनियम 2016 के प्रावधानों और समय समय पर संशोधित नियमों/ विनियमों एसओपी का उल्लंघन किया गया है. क्षेत्रीय कार्यालय रांची के द्वारा जो कार्रवाई की गई है, वह जुलाई से अगस्त की डिफिशिएंसी रिपोर्ट के आधार पर की गई है.
बदली व्यवस्था में अब आधार के साथ पिता का आवास प्रमाण पत्र भी होना अनिवार्य कर दिया गया है. उस पर भी आवास प्रमाणपत्र पर बच्चे की फोटो अंकित करने की बात कही जा रही है. वहीं, जिन बच्चों का आधार कार्ड नहीं बना या आधार कार्ड में कोई त्रुटि है, उसे सुधारने के लिए खोले गये केंद्र का चक्कर लगा रहे हैं. दूसरी तरफ केंद्र बंद होने के कारण उनके आधार कार्ड में सुधार नहीं हो रहा न नये आधार कार्ड बन पा रहे हैं. आधार कार्ड नहीं बनने के कारण कई बच्चों का आधार ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड नहीं हो पा रहा, जिससे कई
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